भारत में क्रिकेट को चाहने वालों कि कमी बिल्कुल नहीं है, हर तरफ क्रिकेट ही क्रिकेट का माहौल रहता है हर घर में बच्चा अपने हाथ में बैट लेकर बचपन से ही घूमने लग जाता है। जहां इंग्लिश कमेंट्री में बैट्समैन शब्द का खूब इस्तेमाल सुनने के लिए मिलता है, तो उसी तरह अब हिंदी कमेंट्री भी लोगों को बहुत पसंद आ रही है और उसमें भी बैट्समैन शब्द का इस्तेमाल खूब होता है।
वही क्रिकेट में बैट्समैन और बॉलर शब्द सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है , लेकिन दुनियाभर में महिला और पुरुष दोनों ही तरह के क्रिकेट के खेल होते हैं और बैट्समैन में लास्ट में लगता है मैन यानी की पुरुष। और इसी वजह से पिछले लंबे समय से चर्चाएं चल रही थी कि आखिर ऐसा एक नाम क्यों ना हो जो महिला और पुरुष दोनों को संबोधित करें और अब जाकर एमसीसी यानी की (Marylebone Cricket Club) जो के क्रिकेट के रूल एंड रेगुलेशन बनाती है उस कमेटी ने यह तय किया है कि अब बैट्समैन की जगह बैटर शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा, यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि दोनों ही महिला और पुरुष के बीच में सामंजस्य क्रिकेट में बैठाया जा सके।
एमसीसी समिति द्वारा इन नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई। इससे पहले क्लब की विशेषज्ञ नियमों की उप समिति ने इस संबंध में चर्चा की थी।खेल के नियमों की संरक्षक एमसीसी ने कहा, ‘जेंडर-न्यूट्रल (जिसमें किसी पुरुष या महिला को तवज्जो नहीं दी गई हो) होना चाहिए।और इसी वजह से अब बैट्समैन की जगह बैटर का इस्तेमाल किया जाएगा।।
आज भले ही दुनियाभर में मैंस क्रिकेट बहुत ज्यादा पॉपुलर है और आईपीएल जैसे t20 लीग ने उसे और ज्यादा लोकप्रिय बना दिया है, तो दूसरी तरफ महिला क्रिकेट में भी अब बहुत ज्यादा सुधार देखने के लिए मिलता है शानदार खिलाड़ी महिला क्रिकेट से भी सामने आ रही हैं फिर मिताली राज की बात करें या फिर झूलन गोस्वामी इन सभी को भारत का बच्चा-बच्चा जानता है और इसके साथ ही इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज, न्यूज़ीलैंड, पाकिस्तान जैसे देशों में भी महिला क्रिकेटर बहुत अच्छा खेल रही हैं और इसी वजह से यह बड़ा एक फैसला लिया गया है।