Harish rawat की नाराज़गी की कई वजह हैं, सारी जानकारी कांग्रेस के कार्यकर्ताओ ने इस शर्त पर दी है कि उनका नाम ना बताया जाए।
डंडा-झंडा एक निजी होटल में, कांग्रेस भवन पड़ा है खाली
जब भी किसी प्रदेश में चुनाव होते हैं तो देखा जाता है कि स्थानीय कार्यकर्ता जोश के साथ प्रचार प्रसार करते हैं और डंडा झंडा भी उन्हीं के हाथों में होता है लेकिन आज स्थिति यह है कि स्थानीय कार्यकर्ताओं के पास पार्टी का डंडा झंडा नहीं है सारा का सारा एक निजी होटल में रखा हुआ है।
पुरानी कार्यकारिणी अभी भी अस्तित्व में, नई कार्यकारिणी का गठन ना होने देना, ढाई महीने से नई कार्यकारिणी की लिस्ट जोकि अध्यक्ष ने अपने कार्यकाल संभालने के बाद भेजी थी अभी भी पड़ी है ठंडे बस्ते में।
2017 में सत्ता जाने के बाद जिन कार्यकर्ताओं ने अपनी मेहनत के साथ पार्टी को संभाला जब की स्थिति काफी गंभीर थी पार्टी सिर्फ 11 में आकर सिमट गई थी। उनको दिल्ली से आई टीम काम नहीं करने दे रही।
राहुल गांधी जब देहरादून आए थे तो कई स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ बाहर से आए नेताओं ने की थी बदतमीजी इसके बाद कई महिला कार्यकर्ता रो भी गई थी।
प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को उनके अनुरूप काम नहीं करने देना हर काम के लिए उन्हें दिल्ली से आए हाईकमान के सामने अपनी बात को रखना।
हर काम के लिए ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की टीम मौजूद, जो कि एक फोटोग्राफर से लेकर सोशल मीडिया तक चलाने का काम कर रही है वो टीम स्थानीय नेतृत्व को कुछ भी भाव नहीं दे रही।
पिछले लंबे समय से हरिद्वार ग्रामीण के कांग्रेस अध्यक्ष का चयन नहीं हो पाया है, वहीं प्रदेश अध्यक्ष द्वारा नाम प्रदेश प्रभारी को भेज भी दिया गया है। जबकि चुनाव सिर्फ कुछ कदमों की दूरी पर है।
आखिर में- स्थानीय पत्रकारों के साथ भेदभाव वाला रवैया।