विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने जहां अपना घोषणापत्र कई दिनों पहले ही घोषित कर दिया था और उस में उन्होंने चार धाम चार काम के तहत कई ऐसी घोषणाएं की थी जो सरकार आने के बाद वह पूरे करने की बात कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस के बाद अब जाकर भाजपा ने भी अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है घोषणा पत्र में उन्होंने 25 प्रमुख मुद्दों को रखा है।
वहीं भाजपा के घोषणा पत्र के सामने आने के बाद कांग्रेस की तरफ से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं, और इसी के तहत उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी और वरिष्ठ नेता राजीव महर्षि ने भी भाजपा के घोषणा पत्र जिसका नाम दृष्टि पत्र है उस पर सवाल खड़े किए हैं। राजीव महर्षि ने भाजपा के दृष्टि पत्र को दृष्टिहीन घोषणा पत्र करार देते हुए कहा कि भाजपा ने मतदाताओं को बहलाने की एक नाकाम कोशिश की है।
महर्षि ने कहा कि भाजपा के इस करतब से मतदाता अपना मत बदलने वाले नहीं है। इस दृष्टि पत्र में जनता को राहत देने का न तो कोई वचन है और न ही राज्य के विकास का कोई खाका ही नजर आता है, केवल खानापूर्ति के लिए दृष्टि पत्र जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि पूरे दृष्टि पत्र से दृष्टि पूरी तरह गायब है, जुमलेबाजी के लिए प्रसिद्ध भाजपा अपने दृष्टि पत्र में जुमलेबाजी भी नहीं कर पाई, इससे साफ होता है कि कांग्रेस के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए वह अपने जुमलेबाजी के हुनर को भी भूल गई है।
महर्षि ने कहा कि अब जबकि मतदान के लिए मात्र पाँच दिन शेष रह गए हैं, ऐसे में भाजपा शब्दजाल बुनने की कला भी भूल गई है जबकि केवल इसी एक फन में उसे महारत हासिल है। लोक कल्याण और प्रदेश के विकास से उसका कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि 2017 के चुनाव के मौके पर भाजपा ने लोकायुक्त की नियुक्ति का वादा किया था। आज पाँच साल बाद भी प्रदेश में लोकयुक्त नहीं है। यही भाजपा का असली चेहरा है जो कहती कुछ और है और करती कुछ और।महर्षि ने कहा कि प्रदेश की माली हालत हो या नौजवानों, महिलाओं, बुजुर्गों के लिए भाजपा के दृष्टि पत्र में कोई विजन नहीं है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था भाजपा पहले ही चौपट कर चुकी है। वह इसके अतिरिक्त कुछ नहीं कर सकती। प्रदेश के जागरूक लोग इस बात को समझ चुके हैं। रोज़गार, उद्योग, व्यापार और जनता को महंगाई से राहत दिलाने के लिए भी दृष्टि पत्र से दृष्टि पूरी तरह गायब है। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि भाजपा अपनी नाकामी, प्रदेश की जनता को निराश करने और अपने गुनाहों के लिए माफ़ी मांगती तो शायद लोग उस पर रहम करते।