आज से चार धाम यात्रा की शुरुआत होने जा रही है। सबसे पहले यमुनोत्री और गंगोत्री के आज कपाट खुलेंगे। जिसके बाद चार धाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी। वहीं चार धाम यात्रा को लेकर प्रदेश सरकार काफी सजग है और कोशिशें की जा रही है कि चार धाम यात्रा श्रद्धालुओं के लिए सुघम और सुरक्षित रहे। साथ ही स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यात्रा महफूज रहे। और इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार धाम यात्रा से जुड़े सभी विभागों को निर्देश दे रखे हैं कि वह अपनी तैयारियों को पुख्ता रखें, और जब तैयारियों की बात करते हैं तो स्वास्थ्य विभाग के सामने एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी खड़ी हो जाती है। क्योंकि चारधाम यात्रा में बहुत बड़ी संख्या में बुजुर्ग श्रद्धालु साथ ही कई ऐसे श्रद्धालु भी पहुंचते हैं जिनका स्वास्थ्य बिगड़ा होता है। इसके साथ ही मैदानी भागों से आने वाले श्रद्धालु भी खुद को बदले वातावरण के साथ अपने आप को ढाल नहीं पाते हैं, ऐसे में भी स्वास्थ्य सुविधा का पुख्ता होना बहुत जरूरी हो जाता है।
वहीं स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति चारधाम यात्रा मार्ग में कैसी है इसकी जानकारी लेने स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार खुद ही पैदल निकल पड़े हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा ले रहे हैं। इस कड़ी में स्वास्थ्य सचिव केदारनाथ धाम तक की पैदल यात्रा कर जगह-जगह स्वास्थ्य इकाइयों का निरीक्षण कर रहे हैं। बीते रोज रुद्रप्रयाग पहुँचे स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार अब तक छौड़ी, चीरबासा, जंगलचट्टी व रामबाड़ा तक चिकित्सा इकाइयों का भ्रमण कर चुके हैं। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को यात्रा से सम्बंधित जरूरी निर्देश भी दिए। इसके साथ ही उन्होंने गुप्तकाशी, सोनप्रयाग, गौरीकुंड समेत अन्य स्थानों पर स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्थाओं को देखा व महत्वपूर्ण निर्देश अधिकारियों को दिए।स्वास्थ्य सचिव डा. राजेश कुमार ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारियां की हैं। यात्रा के लिए गाइडलाइन यानी एसओपी जारी कर दी गयी है। इसमें यात्रियों को सुझाव दिया है कि वह यात्रा के दौरान अपने शरीर को पहाड़ के मौसम के अनुकूल बना लें। यदि कठिनाई आ रही है तो कुछ समय आराम करें और इसके बाद ही यात्रा करें। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि सरकार यात्रा में आने वाले सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करती है। लेकिन साथ ही यह अपील भी है कि 55 साल से अधिक आयु वर्ग के श्रद्धालु यदि किसी बीमारी मसलन शूगर, बीपी, हृदयरोग आदि से ग्रसित हैं तो उसका उल्लेख कर दें। उन्होंने कहा कि 104 के माध्यम से ऐसे श्रद्धालुओं की निगरानी की जाएगी। स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर इस बार सरकार का विशेष फोकस है। यहां हर किलोमीटर पर मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाई गयी है। चारों धाम में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने केलिए 130 डाक्टरों की तैनाती की गयी है। इसमें डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, आक्सीजन सिलेंडर और दवाएं उपलब्ध होंगी।
इस बार यहां प्वाइंट आफ केयर टेस्टिंग डिवाइस होगा। इस डिवाइस से 28 तरह के रोगों की टेस्टिंग हो सकेगी। स्वास्थ्य सचिव के अनुसार इस बार यात्रा मार्ग पर ऐसे डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की गयी है जो कि हृदय संबंधी रोगों के उपचार और निदान में पारंगत हों। उन्होंने कहा कि हम चारधाम यात्रा को पूरी तरह से सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए संकल्पित हैं। यात्रा मार्गों पर मौजूद अस्पतालों में डाक्टर, स्टाफ, आक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा मार्ग पर स्वास्थ्य एटीएम भी लगाए गये हैं। चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के इंतजाम किए गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है। इस बार किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।गौरतलब है कि स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने हाल में बदरीनाथ धाम का भी दौरा कर स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया।