उत्तराखंड पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया में छाया हुआ है, खासतौर पर जब हम ट्विटर की बात करते हैं तो पिछले कुछ दिनों में ट्विटर में लाखों स्वीट उत्तराखंड को लेकर हो चुके हैं। और वो सारे ट्वीट हुए हैं उत्तराखंड एक शांत कस्बे पुरोला को जोड़कर। जैसा कि पिछले कुछ दिनों में भले ही पुरोला की हकीकत जमीनी स्तर पर कुछ अलग है बावजूद इसके सोशल मीडिया में उत्तराखंड को लेकर ऐसी छवि बनाई जा रही है जैसे उत्तराखंड में मुस्लिम समाज के लोगों के साथ सही व्यवहार नही हो रहा है, पुरोला में बहुत तनाव फैला हुआ है। खास तौर पर पुरोला से और उत्तरकाशी से मुसलमानों को एक-एक करके भगाया जा रहा है और यही सब कुछ सोशल मीडिया पर जमकर चल रहा है।
वहीं पुरोला में हालात अब शांत हैं, लेकिन पिछले दिनों में कई मुस्लिम परिवारों ने के पुरोला छोड़ा है ये भी सामने आ रहा है। दूसरी तरफ अब इसी घटना को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इंडियन मुस्लिम फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स के प्रतिनिधि मंडल ने देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास में मुलाकात की। इस मुलाकात में आईएमपीएआर ( IMPAR ) के अध्यक्ष एम.जे. खान, अजमेर शरीफ और कलियर शरीफ दरगाह के गद्दी नशीन, पत्रकार वकील और सेना से रिटायर्ड बुद्धिजीवी वर्ग वाले प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की ओर सीएम धामी के सामने अपनी बात रखी।
अजमेर शरीफ दरगाह के गद्दी नशीन ने पुरोला की घटना पर सोशल मीडिया को जिम्मेदार मानते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर चलाई जा रही फेक न्यूज़ के कारण प्रदेश का माहौल बिगड़ा है। ऐसे में उनकी लोगों से अपील है कि सोशल मीडिया पर आई किसी भी भ्रामक खबरों पर भरोसा ना करें। इसके साथ ही ये भी हिदायत दी है कि इस वक्त हिंदू–मुस्लिम समुदायों के एक साथ एक मंच पर संवाद करने की बेहद ज़रूरत है। सैय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती ने आगे कहा कि जिस तरह से सोशल मीडिया पर उत्तराखंड की छवि बनाई जा रही है वैसा बिल्कुल नहीं है हम उत्तराखंड आए हैं और हमें यहां पर अमन और भाईचारा दिखाई दिया है सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं जबकि ऐसा कुछ नहीं है।
वही मुलाकात करने के बाद ‘आईएमपीएआर’ के अध्यक्ष एमजे खान ने कहा कि उत्तराखंड से जो तस्वीरें मीडिया के ज़रिए प्रचारित प्रसारित हो रही थी उनके कारण प्रदेश और देश की छवि दुनियाभर में खराब हुई है। उन्होंने कहा कि कई बार कुछ संवेदनशील बेवजह पर बेवजह की बयानबाजी से भी माहौल बिगड़ता है। पुस्तक उन्होंने साफ कहा है कि ऐसे लोगों पर सरकार को कार्यवाही करनी चाहिए जो लोग नाम बदलकर रहते हैं ऐसी बातें सुनने के लिए मिलती है कि कई लोग नाम बदलकर किसी स्थान में रह रहे हैं ऐसे में दोनों पक्षों के बीच में तनाव बढ़ता है और सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
वही इस बैठक के दौरान प्रदेश में मजारों पर चल रही कार्यवाही को लेकर भी मुख्यमंत्री से चर्चा की गई थी जिसमें मुख्यमंत्री ने इस बात का भरोसा दिया है कि जिन जगहों पर बेवजह अतिक्रमण किया गया है केवल उन्हीं पर कार्रवाई की गई है। और मुस्लिम पक्ष ने भी इस बात को माना है कि प्रदेश सरकार मजारों को लेकर जो कार्रवाई कर रही है वह सही है उन्होंने बताया है कि यह कार्रवाई सिर्फ मजारों पर ही नहीं हो रही है बल्कि अवैध निर्माणों पर हो रही है फिर चाहे इसमें कोई भी धार्मिक स्थल क्यों ना हो और हम इसका पूरा समर्थन करते हैं।