आखिर क्यों छीन रहें हैं, कांग्रेस भवन में कैबिन
कांग्रेस में वैसे तो मतभेद, मनभेद और गुटबाज़ी आम बात है। और यह सभी चीजें जैसे ही कोई चुनाव नजदीक आते हैं और तेज हो जाते हैं। और अभी ऐसा ही मामला कांग्रेस में खूब चर्चाएं बटोर रहा है और खूब कानाफूसी भी हो रही है, मामला है एक कमरे पर जिसमें पहले प्रदेश उपाध्यक्ष बैठते थे उसमें ताला लगा दिया गया है।
नाम न छापने की शर्त पर कांग्रेस के एक बड़े कार्यकर्ता ने बताया कि वैसे तो यह पहले होता रहता था, लेकिन इस बार प्रदेश उपाध्यक्ष के कमरे में सीधे ताला ही लगा दिया गया। और किसी को समझ में नहीं आ रहा की ये हुआ क्या?
वैसे लंबे समय से जिस कमरे में ताला लगा है वह चर्चाओं का विषय भी खूब रहा है कई बड़े नेता उस कमरे में बैठने के लिए अपनी नेम प्लेट भी लगाते रहे हैं। एक वक्त ऐसा आ चुका था कि कई प्रदेश उपाध्यक्षओं के नेम प्लेट उसी कमरे पर टंगे हुए नजर आते थे। लेकिन अब जब कमरे पर ताला लग गया है तो कांग्रेस के अंदर ही खूब चर्चाएं चल रही हैं कि आखिर यह ताला कब खुलेगा। वहीं पार्टी के एक बड़े नेता जो हमेशा उस कमरे में बैठे रहते थे वह आजकल भवन पर भी बहुत कम आ रहे हैं।
दूसरी तरफ नाम ना छापने की शर्त पर प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि परिवर्तन रैली के लिए बड़ी संख्या में पार्टी के झंडे और अन्य प्रचार सामग्री आए थे और उस कमरे में वही सब रखा गया है और चाबी भी ऑफिस में ही दे रखी है।
अब जब चुनाव के लिए ज्यादा वक्त नहीं है और कांग्रेस खुद को एक मंच पर मजबूत करने की कोशिश कर रही है, प्रदेश प्रभारी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष सभी कोशिश कर रहे हैं कि कांग्रेस को एक मंच पर लाया जाए तो दूसरी तरफ प्रदेश कार्यालय में ही इस तरह की स्थिति जहां पर एक कमरा जहां प्रदेश उपाध्यक्ष बैठते थे ताला लगा दिया गया तो फिर क्या? और एक बार वही सवाल खड़ा हो रहा है कि कांग्रेस में सब कुछ सही है।
दूसरी तरफ इस तरह की स्थिति से उन कार्यकर्ताओं का मनोबल भी टूटता है जो जमीन पर पार्टी के लिए काम करते हैं।