राज्य सरकार के ऐसे सिविल / पारिवारिक पेंशनर जिनकी पेंशन सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के कम में पुनरीक्षित की गयी है, को महंगाई राहत की स्वीकृति।
उपर्युक्त विषय के सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि राज्य सरकार के ऐसे पेंशनर, जिनकी पेंशन सातवें वेतनमान आयोग की संस्तुतियों के कम में पुनरीक्षित की गयी है को वित्त विभाग के कार्यालय ज्ञाप संख्या-126834 /XXVII(7)/E-22807/2022 दिनांक 02 जून, 2023 द्वारा स्वीकृत महंगाई राहत की दरों को अतिकमित करते हुए दिनांक 01-07-2023 से 42 प्रतिशत के स्थान पर 48 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत अनुमन्य किये जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।
2 यह आदेश मा० उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, 2. उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों, स्थानीय निकायों तथा सार्वजनिक उपक्रम आदि के सिविल / पारिवारिक पेंशनरों पर स्वतः लागू नहीं होंगे, उनके सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों द्वारा अलग से आदेश निर्गत किया जाना अपेक्षित होगा।
3. यह आदेश विद्यालयी शिक्षा/प्राविधिक शिक्षा विभाग के अधीन राज्य निधि से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के ऐसे शैक्षिक एवं शिक्षणेत्तर पेंशनरों जिन्हें शासकीय पेंशनरों के समान पेंशन/पारिवारिक पेंशन अनुमन्य है, पर भी लागू होंगे।
4. शासन के कार्यालय ज्ञाप संख्या-ए-1-252 /दस/10(3)-81, दिनांक 27 अप्रैल, 1982 में निर्गत आदेशानुसार पेंशन पर अतिरिक्त राहत आदि के भुगतान के लिये महालेखाकार के प्राधिकार पत्र की आवश्यकता नहीं है। अतः स्वीकृत मंहगाई राहत का भुगतान उक्त कार्यालय ज्ञाप के अधीन कर दिया जाय।
5. मंहगाई राहत स्वीकृत करने के सम्बन्ध में अन्य प्रतिबन्ध जो इस सम्बन्ध में इससे पूर्व निर्गत शासनादेशों में निर्धारित थे, यथावत् लागू रहेंगे।