दून महानगर सिटी बस सेवा सोसाइटी के तत्वावधान एक शिकायती पत्र आरटीओ सुनील शर्मा के खिलाफ मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं सचिव परिवहन को भेजा गया है, जिसमें कहा गया है की आरटीओ सुनील शर्मा स्वयं ही वादी और स्वयं ही जज बन गए हैं। उन्होंने आगे कहा है की आरटीए की बैठक में उनके द्वारा जो फैसले लिए गए हैं इनपर रोक लगाई जाए। साथ ही इनकी जांच हाईकोर्ट के जज या प्रमुख सचिव न्याय से करी जाए । देहरादून महानगर सिटी बस के अध्यक्ष विजय वर्धन ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके और भी कई गंभीर आरोप एक आरटीओ सुनील शर्मा के उपर लगाए हैं।
दून महानगर सिटी बस सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष विजयवर्धन डांडरियाल ने कहा है कि आरटीओ सुनील शर्मा द्वारा राज्य सरकार से अधिकृत उप परिवहन आयुक्त को भी बैठक से दूर रखा गया लेकिन उनसे न तो अध्यक्ष द्वारा कोई राय ली गई और ना ही उनसे विभागीय पक्ष के बारे में कोई प्रश्न नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जबकि वह बैठक पर मौजूद थे और जिससे स्वतः स्पष्ट है कि आरटीओ सुनील शर्मा द्वारा जानबूझकर क्वासिल ज्यूडिशियल बाड़ियों में गलत रूप से परंपरा स्थापित करने का
प्रयास भ्रष्ट तरीके से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जबकि आरटीओ आरटीए का सचिव होता है सचिव का कार्य एजेंडा बनाकर अध्यक्ष के सामने पेश करना होता है और आरटीओ को आरटीए का सदस्य नियुक्त नहीं किया जाता है जबकि आरटीओ सुनील शर्मा द्वारा सदस्य की हैसियत से प्रतिभाग करते हुए आरटीए बैठक में लिए गए निर्णय पर हस्ताक्षर किए गए है।
अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों के साथ सुनील शर्मा द्वारा 23 दिसम्बर 2023 के एजेंडे की मद संख्या 10 द्वारा वाहनों पर जीपीएस लगाने का निर्णय लिया गया जिसमें देहरादून विकास नगर, देहरादून कालसी एवं देहरादून कुल्हाल मार्गों पर चलने वाली बसों कोजीपीएस लगाए जाने के निर्णय से छूट प्रदान की गई तथा सिटी बसों के साथ- साथ अन्य वाहनों पर जीपीएस लगाए जाने का निर्णय भेदभाव के आधार पर लिया गया है। उन्होंने कहा कि जिसका पुरजोर तरीके से विरोध किया जायेगा।
विजयवर्धन डांडरियल, दून सिटी बस अध्यक्ष