करुणा के बाद स्थिति यह हुई थी कि देश भर में रोजगार बहुत कम हो गया लेकिन अब केंद्र सरकार चाहती है कि छोटे-छोटे रोजगार ओं को और मजबूत किया जा ऋषि की तरफ प्रदेश सरकार ने भी एक बड़ा कदम बढ़ाया है प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड के छोटे व्यवसाय एवं उद्यमियों को मजबूत बनाने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार नैनो योजना का संशोधित शासनादेश जारी कर दिया है।
इससे पहले जो शासनादेश जारी हुआ था उसमें संशोधन करते हुए अब ऋण की सीमा को 50 हजार तक बढ़ा दिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस योजना को लेकर कहा कि योजना को संशोधित करने के पीछे का मकसद प्रदेश की छोटे उद्यमियों और व्यवस्थाओं को आत्मनिर्भर के साथ-साथ उन्हें मजबूत करना है। इस योजना में ऋण सीमा को बढ़ाने से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में ऑलरेडी सब्जी चाय पी ली दर्जी पलंबर मोबाइल रिपेयरिंग इलेक्ट्रीशियन पेपर बैग निर्माण छोटी बेकरी लॉन्ड्री जैसे व्यवसाय से जुड़े लोगों को फायदा होगा और वह इस ऋण को लेकर अपने व्यवसाय को शुरू भी कर सकते हैं और मजबूत भी कर सकते हैं।
अनुदान के लिए प्रदेश में पांच श्रेणियों तय की गई है
A, B, B+, C, और D
ए श्रेणी में पिथौरागढ़ उत्तरकाशी चमोली चंपावत रुद्रप्रयाग बागेश्वर को शामिल किया गया है इस श्रेणी में अभ्यर्थियों को 33% तक अधिकतम 17500 रुपए और अनुसूचित जाति, अनु जनजाति, भूतपूर्व, सैनिक महिला, दिव्यांग, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक श्रेणी के अभ्यर्थियों को 40% यानी कि 20 हजार का अनुदान दिया जाएगा।
इसी तरह से B और B +* में अल्मोड़ा, पौड़ी गढ़वाल और टिहरी गढ़वाल के मात्र पर्वतीय बहुल विकासखण्ड ( श्रेणी बी में वर्गीकृत क्षेत्रों को छोड़कर), नैनीताल और देहरादून जिले के मात्र पर्वतीय बहुल विकासखण्ड (बी + और सी श्रेणी में वर्गीकृत क्षेत्रों को छोड़कर), पौड़ी गढ़वाल के दुगड्डा विकासखण्ड के कोटद्वार सिगड्डी और इनसे जुड़े हुए मैदानी क्षेत्र तथा टिहरी गढ़वाल के फकोट विकासखण्ड के ढालवाला, मुनी-की- रेती, तपोवन तथा उससे जुड़े हुए मैदानी क्षेत्र, नैनीताल के कोटाबाग विकासखण्ड का सम्पूर्ण क्षेत्र और देहरादून के कालसी विकासखण्ड के मैदानी क्षेत्र में सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों हेतु ( परियोजना लागत पर) 30 प्रतिशत और अधिकतम 15000 रुपए एवं अनुसूचित जाति / अनु जनजाति / भूतपूर्व सैनिक / महिला / दिव्यांग पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक श्रेणी के अभ्यर्थियों हेतु * 35 प्रतिशत अधिकतम 17500 रुपए* का अनुदान दिया जाएगा।
इसी प्रकार श्रेणी सी और डी हेतु देहरादून जिले के विकासखंड रायपुर, सहसपुर, विकासनगर व डोईवाला विकासखण्ड के समुद्रतल से 650 मी. से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र, नैनीताल जिले के रामनगर और हल्द्वानी विकासखण्ड में आने वाले क्षेत्र, हरिद्वार और उधमसिंहनगर का सम्पूर्ण क्षेत्र तथा देहरादून व नैनीताल जिले के अवशेष समस्त मैदानी क्षेत्र (श्रेणी-बी, बी+ और श्रेणी सी सम्मिलित क्षेत्र को छोड़कर) सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों हेतु ( परियोजना लागत पर) 25 प्रतिशत और अधिकतम 12500 रुपए एवं अनुसूचित जाति / अनु जनजाति / भूतपूर्व सैनिक / महिला / दिव्यांग पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक श्रेणी के अभ्यर्थियों हेतु * 30 प्रतिशत अधिकतम 15000 रुपए* का अनुदान दिया जाएगा।