उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग चाहे लाख दावे कर ले की स्वास्थ्य सेवा की हालत लगातार सुधर रही है, फिर चाहे स्वास्थ्य मंत्री हर बार इस बात को दोहरा ले की आज हर अस्पताल में डॉक्टर मौजूद हैं. लेकिन हालत खुद चीख चीख कर हकिकत बया करते रहते हैं. स्वास्थ्य मंत्री चाहे कुछ भी कह ले आज भी स्थिति बहुत गंभीर है..
पिथौरागढ़ जिले के तहसील मुनस्यारी ग्राम सभा बोना क्षेत्र में राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय में पिछले 8 महीनों से डॉक्टर नही है, डॉक्टर न होने से बोना तोमिक गोल्फा के लोगों को आये दिन अनेकों परेशानियों से गुजरना पड़ता है, और एक और मामला फिरसे सामने आया है जहां पर स्थानीय गीता देवी पत्नी कुंदन बृजवाल के अचानक तबीयत खराब होने से उन्हें डोली के सहारे 30 किलोमीटर पैदल चलकर मदकोट तक लाया गया वहीं स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता विक्रम दानू का कहना है कि जिलाधिकारी के द्वारा राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय बोना के लिए डॉक्टर अहमद राज की नियुक्ति की गई थी पर डॉक्टर अहमद राज को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मदकोट में अटैच कर दिया गया है, जबकि मदकोट में पहले से दो डॉक्टर मौजूद हैं..
वहीं झापुली से बोना तक मोटर मार्ग पिछले सप्ताह से बंद पड़ी हुई है,जिसके चलते जगह जगह पर रोड खराब है,ग्रामीणों द्वारा लो0नि0वि विभाग को बार-बार मोटर मार्ग खोलने की मांग करने के बाद भी अभी तक सुध नहीं ली जाती है