कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा की अध्यक्षता में दुग्ध उपार्जन एवं विपणन में वृद्धि करने तथा दुग्ध संघों के ओवर हैड व्ययों में कमी करने के उददेश्य से देहरादून के सहस्त्रधारा रोड स्थित होटल सफायर में एक समीक्षा बैठक / गोष्ठी आयोजित की गयी जिसमे डा० बी०वी०आर०सी०पुरूषोत्तम, सचिव, डेरी, अपर सचिव, संयुक्त सचिव, डेरी, उत्तराखण्ड शासन, प्रदेश अन्तर्गत संचालित समस्त दुग्ध संघों के सभापति, उपसभापति एवं प्रबन्ध समिति के सदस्य, प्रबन्ध निदेशक, यू०सी०डी०एफ०, प्रशासक यू०सी०डी०एफ०, प्रदेश के समस्त दुग्ध संघों के प्रबन्धक / प्रधान प्रबन्धक तथा विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
बैठक अन्तर्गत मा० मंत्री द्वारा समस्त उपस्थित सदस्यों का स्वागत करते हुए दुग्ध उपार्जन व विपणन में वृद्धि कर आचंल को आगे बढाते हुए नम्बर एक ब्राण्ड बनाये जाने के लिये एकजुट होकर कार्य किये जाने हेतु निर्देशित किया गया ताकि दुग्ध उत्पादकों को उनके द्वारा दुग्ध समिति में उपलब्ध कराये जा रहे दूध का उचित दुग्ध मूल्य प्राप्त हो सके तथा उनकी आर्थिकी को सुदृढ किया जा सके।
दुग्ध उत्पादकों को ससमय का दूध भुगतान किया जाये तथा दूध के कय मूल्य में भी वृद्धि किये जाने की आवश्यकता है। इस हेतु व्ययों में कमी करते हुए दुग्ध संघों के ओवर हैड व्यय में कमी की जाये ताकि संस्थाओं की सरकार पर निर्भरता को कम किया जा सके। दुग्ध उत्पादकों के दुधारू पषुओं हेतु पशुचारा उपलब्ध कराते हुए अन्य तकनीकी निवेश सुविधाएं उपलब्ध कराई जाये ताकि दुग्ध उत्पादकों का विश्वास समिति के प्रति ओर बढ़ सके। मार्कटिंग व ब्राण्डिग को आगे बढाये जाने हेतु यथाशीघ्र बैठक आहूत की जायेगी जिसमे संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा भी प्रतिभाग किया जायेगा। क्रमशः 2…
इस अवसर पर दुग्ध संघों से आये प्रतिनिधियों द्वारा विभिन्न मागें मा० मत्री जी के सम्मुख रखी गई जिसमे मुख्यतः सचिव मानदेय में वृद्धि एवं दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की जाये, इस पर मंत्री जी द्वारा प्राप्त समस्त सुझावों पर गम्भीरता के साथ कार्य किये जाने तथा राज्य सरकार से हर सम्भव मदद किये जाने हेतु आश्वस्त किया गया। मा० मंत्री जी द्वारा अवगत कराया कि दुग्ध संघों द्वारा दुग्ध उत्पादकों के ससमय दुग्ध मूल्य भुगतान हेतु रू0 15 करोड का एक रिवोल्विंग फण्ड बनाया जा रहा है जिसमे यथाशीघ्र धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी। मा० मंत्री जी द्वारा प्रदेश की जी०एस०डी०पी० में पशुपालन व डेरी की भागीदारी 3 प्रतिशत से बढाकर 5 प्रतिशत किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
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