उत्तराखंड में एंबुलेंस के किराए के नाम पर मरीजों से पिछले लंबे समय से लूट हो रही है, इसको लेकर कई बार आम लोग तो कई संस्थाएं भी स्वास्थ्य विभाग से शिकायत कर चुके हैं की प्राइवेट एंबुलेंस मरीजों से बहुत ज्यादा किराया वसूलते हैं. और यह मामला उस वक्त और ज्यादा बढ़ गया था जिस दौरान कोविड-19 अपने चरम पर था। उस वक्त जहां आम मरीजों को एंबुलेंस के इस्तेमाल के लिए दोगुनी से ज्यादा किराया वसूला गया. हालत तब और ज्यादा गंभीर हो जाते थे जब किसी कोविड मरीज को एंबुलेंस की जरूरत पढ़ती थी, उस दौरान एंबुलेंस न जाने क्या क्या चार्ज लगा देते थे और 50 किलोमीटर के लिए भी 10 हजार रुपए से ज्यादा की मांग करते थे. उस वक्त शिकायतों का अंबार लगा हुआ था लेकिन मरीज के तीमारदार क्या ना करते कहते हैं न “जिसका मरता वो क्या नही करता” वहीं अब जाकर स्वास्थ्य मंत्री जागे हैं और उन्होंने एक बड़ा फैसला लिया है की अब एंबुलेंस का किलोमीटर के हिसाब से किराया तय किया जायेगा. स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने अधिकारियों को इस संदर्भ में निर्देश दिए हैं. उन्होंने यह भी कहा है की अगर कहीं कोई शिकायत मिलती है तो अधिकारी उसपर तुरंत कार्यवाही करें.साथ ही एंबुलेंस का किराया तय हो और प्रदेशभर में किराया एक समान हो सिर्फ पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में ही किराया अलग हो सकता है. वैसे पहले भी कई जिलाअधिकारी थे जिन्होंने खुद यह बड़ा फैसला लिया था लेकिन उस दौरान किराये में एकरूपता नहीं थी. लेकिन