समान नागरिक संहिता कानून, सख्त नकल विरोधी कानून, सख्त धर्मांतरण कानून और सख्त दंगा नियंत्रण कानून। ये चंद ऐसे बड़े निर्णय रहे हैं, जिनसे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की लोकप्रियता का ग्राफ देश भर में तेजी से बढ़ा। यही वजह रही कि भाजपा आलाकमान ने भी धामी की इस बढ़ती लोकप्रियता को इन लोकसभा चुनावों में भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। धामी अब तक लोकसभा चुनाव के लिए हुए छह चरणों में धमाकेदार 60 से ज्यादा जनसभायें कर चुके हैं। तेलंगाना से लेकर दिल्ली और राजस्थान से लेकर पंजाब तक में भाजपा उनका जमकर उपयोग कर रही है।
भाजपा की नई पंक्ति के नेताओं में पुष्कर सिंह धामी अब सीधा फ्रंट लाइन में हैं। धामी की पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी खूब जमती है। पीएम मोदी के पास उत्तराखंड हित के कार्यों के लिए जब सीएम धामी जाते हैं तो उन्हें कभी निराशा नहीं मिलती। कई मौके तो ऐसे भी आये जब पीएम से मुलाकात के लिए 15 मिनट का समय तय था लेकिन मुलाकात डेढ़ घंटे तक चली।
दरसअल, धामी 2022 में जब दोबारा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने राज्य में समान नागरिक सहिंता कानून को लागू करने का वायदा जनता से किया और कुछ ही अंतराल में उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया जहां इसे लागू किया गया है। जनसंघ के दौर से ही पार्टी ने इसे अपने एजेंडे में प्राथमिकता पर रखा और उत्तराखंड में धामी ने भाजपा के इस अहम एजेंडे को लागू करके दिखाया। यही वजह रही कि इस बार के लोकसभा चुनाव के अपने मेनिफेस्टो में भाजपा ने उत्तराखंड की तर्ज पर इसे अब देश भर में लागू करने की गारंटी दी है। यही नहीं, धामी उत्तराखंड में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून भी लागू कर चुके हैं। इसके बाद केंद्र सरकार ने भी इसे लागू किया। इन तमाम बड़े फैसलों के कारण आज उत्तराखंड के सीएम धामी की भाजपा आलाकमान में स्वीकारोक्ति अधिक बढ़ी है और इसके बाद भाजपा आलकमान ने उन्हें लोकसभा चुनाव में धामी को स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया है।
अब तक लोकसभा चुनाव के छह चरण हो चुके हैं और धामी इन चुनाव में भाजपा के लिए देशभर में ताबड़तोड़ तरह से 60 से ज्यादा जनसभा कर चुके हैं। क्या, दिल्ली, क्या राजस्थान, क्या हिमाचल, क्या तेलंगाना सब जगह धामी की धूम है। जहां जहां उनकी जनसभा व रोड शो हो रहे हैं वहां वहां युवाओं की भीड़ उन्हें देखने और सुनने को उमड़ रही है।