हरक सिंह रावत का राजनीतिक सफर जितना लंबा है, उतने ही विवाद उनकी राजनीति से जुड़े भी रहे हैं. वहीं आज हरक सिंह रावत अपने अभी अनुकृति गुसाईं के लिए लैंसडाउन विधानसभा से टिकट मांग रहे हैं। अब हर कोई सोच रहा है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि हरक सिंह रावत जैसे कद्दावर नेता अपनी बहू के लिए टिकट मांग रहे हैं तो क्या उनकी बहू इस लायक है जो उन्हें पार्टी टिकट दे।
तो आपको बताते हैं अनुकृति गुस्साए के बारे में
अनुकृति ने अपना सफर मॉडलिंग से शुरू किया इस दौरान वो काफी सफल भी रही. 25 मार्च 1994 को उत्तराखंड के गढ़वाल में जन्मी अनुकृति गुंसाई रावत ने 2013 में मिस इंडिया दिल्ली का खिताब जीता. इसके बाद 2014 में मिस इंडिया एशिया पैसिफिक का खिताब भी अपने नाम किया. 2014 में अनुकृति गुंसाई टाइम्स 50 की लिस्ट में 49वें नम्बर पर भी रहीं हैं।
अनुकृति एक ngo भी चलाती है ज्वाइन जो लगातार गरीब लोगों की मदद करता रहता है। यही नहीं जहां से को टिकट मांग रही है लैंसडाउन विधानसभा वहां पर भी इनके एनजीओ ने एक गांव गांव में बहुत काम किया है इसी वजह से हरक सिंह रावत भी उनके लिए टिकट की पैरवी कर रहे हैं क्योंकि वह जानते हैं कि लैंसडाउन में अनुकृति गुंसाई की पकड़ भी अच्छी है।
अनुकृति गुसाई ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पढ़ाई भी की है तो कहे वह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी है। आज के इस डिजिटल युग में पहाड़ के बच्चे कंप्यूटर शिक्षा से दूर थे वहां एक डिजिटल क्रांति लाने का काम किया। नैनीडांडा, रिखणीखाल, जयरिखाल के कई दुरस्त क्षेत्रों में कंप्यूटर सेंटर खोले जिसमे कई बच्चे फ्री शिक्षा ले रहे है।
गाँव की महिलाओं के लिए कई जगह सिलाई केंद्र खोले है जिसमे कई महिलाएं आज आत्मनिर्भर बन रही है। पूरे कोरोना काल में गाँव गाँव जाकर गरीब लोगों को राशन वितरण किया।
पहाड़ के उत्पादों को महिलाओं से सही मूल्य में खरीदकर विदेशो तक पहचान दिला रही है।
यही वजह है जिससे हरक सिंह रावत जानते हैं कि यदि उनकी बहू को टिकट मिलता है तो वह जीतकर आएंगी और हर सिंह रावत की राजनीतिक विरासत को अनुकृति गुसाईं आगे बढ़ाएगी।