उत्तराखंड में 12वीं का रिजल्ट सामने आ चुका है, और बारहवीं के रिजल्ट की जब हम बात करते हैं तो उत्तराखंड में अटल उत्कृष्ट स्कूलों की बात करनी बेहद जरूरी है। क्योंकि इन स्कूलों को इस तर्ज पर बनाया गया है कि आने वाले दिनों में यह स्कूल उत्तराखंड की शिक्षा में नींव का पत्थर साबित हो कोशिशें की गई है कि इन स्कूलों में अच्छे शिक्षकों को रखा जाए वह शिक्षक जो गरीब बच्चे ऐसी पढ़ाई करवा सके जो कि प्राइवेट स्कूलों में महंगी महंगी फीस देखकर अन्य बच्चे हासिल कर रहे हैं वो बच्चे अटल उत्कृष्ट स्कूलों में पढ़ाई करें और आने वाले दिनों में प्रदेश का अपने घर का नाम रोशन करें।
लेकिन इस बार जो सीबीएसई का रिजल्ट सामने आया है उसने कई सारे सवाल खड़े कर दिए हैं।
सीबीएसई में इस बार 155 अटल उत्कृष्ट स्कूलों ने भाग लिया। इन स्कूलों का रिजल्ट 50 प्रतिशत रहा। हरिद्वार के सिकरोड़ा स्कूल का 12वीं में रिजल्ट जीरो रहा। यहां 27 बच्चे परीक्षा में बैठे और सभी फेल हो गए। दसवीं में 36 बैठे, 16 ही पास हो पाए। वहीं आईसी खटीमा के 12वी कक्षा के 162 बच्चों में से केवल 14 ही बच्चे पास हुए हैं, यानी रिजल्ट 8.64 प्रतिशत रहा। चम्पावत के बाराकोट स्कूल में 7 बच्चे थे दो ही पास हुए। चौमेल चम्पावत के 12वीं के 49 बच्चों में से महज 15 पास हुए। इसी जिले के चोरामेहता स्कूल के 12वीं में 67 बच्चों में से महज 25 बच्चे पास हुए। अल्मोड़ा का दन्या मोहल्ला अफसरों का मोहल्ला कहा जाता है लेकिन यहां के जीआईसी दन्या ने पूरे अल्मोड़ा का नाम डुबो दिया। यहां दसवीं के 37 बच्चों में से महज 7 बच्चे पास हुए। दीनापानी स्कूल के 55 बच्चों में से 18 बच्चे पास हुए। बागेश्वर जीआईसी स्याकोटे ने तो कमाल कर दिया। सबसे खराब रिजल्ट में हरिद्वार के बाद इस स्कूल का नाम है। यहां 10वीं में 46 बच्चों से 3 बच्चे पास हुए। देहरादून के जीआईसी सेलाकुई स्कूल के 309 बच्चों में से 77 ही पास हुए। जीआईसी सरुला सरोली में 38 में से सात बच्चे ही पास हुए। इसके विपरीत कुछ ऐसे भी स्कूल हैं जिनका रिजल्ट शत प्रतिशत रहा। चमोली के उर्गम स्कूल का दसवीं और 12वीं का रिजल्ट 100 प्रतिशत रहा। पौड़ी के खिरडीखाल और बुंगालगढ़ी का रिजल्ट भी 100 प्रतिशत रहा। सिद्धखाल पौड़ी का रिजल्ट भी 95 प्रतिशत रहा।




प्रदेश के शिक्षा विभाग के लिए यह एक बहुत बड़ा धक्का माना जा सकता है। क्योंकि जिस तरह से इन स्कूलों को बनाया गया पर, साथ ही कोशिश की गई कि इन बच्चों में ऐसी प्रतिभा पैदा की जाए जो आने वाले दिनों में प्रदेश के लिए कुछ बेहतर करें। शिक्षा विभाग के अनुसार इन स्कूलों में ऐसे शिक्षकों का चयन किया गया था जो कि काफी बेहतर थे। लेकिन रिजल्ट सामने आने के बाद कई सारे सवाल खड़े हो रहे हैं।

वहीं महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी अटल उत्कृष्ट स्कूलों के इस प्रदर्शन से खासा नाराज नजर आ रहे हैं और उन्होंने सभी स्कूलों से स्पष्टीकरण मांगा है।
