भाजपा ने कांग्रेस की भारत जोड़ों यात्रा में जोशीमठ आपदा को राजनैतिक रूप देने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे कांग्रेस का दोहरा चरित्र करार दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस नेता एक ओर मुख्यमंत्री धामी से मिलकर आपदा पर सुझाव देते है और अगले दिन यात्रा में शामिल होकर इस मुद्दे को राजनैतिक रंग देते हैं । अपने कार्यकाल मे जारी परियोजनाओं को राजनैतिक मुनाफे के लिए अब अनियंत्रित व अनियोजित विकास बता रहे हैं । महेन्द्र भट्ट ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह आपदा के पहले दिन से ही प्रभावितों की मदद के बजाय उनकी भावनाओं के खेलने और भड़काने के मिशन में जुटी है । सरकार को बदनाम करने के इस प्रयास के चलते, सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों में जोशीमठ व पहाड़ की यात्रा को लेकर भय का माहौल बनाया जा रहा है । राहुल की भारत जोड़ो यात्रा का एक दिन जोशीमठ आपदा को समर्पित करना भी उनकी इसी नकारात्मक रणनीति का हिस्सा है । एक दिन पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी से मिलकर अपने सुझावों की लंबी सूची के साथ सरकार पर विश्वास जताते हुए प्रशंसा करने वाले कांग्रेस के यही तमाम छोटे बड़े नेता दूसरे ही दिन कश्मीर में इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाने का प्रयास करते नही नज़र आते । भट्ट ने आरोप लगाया कि जोशीमठ आपदा ही नही, राष्ट्र की सुरक्षा व विकास से संबंधित परियोजनाओं को अपनी राजनैतिक यात्रा का हिस्सा बनाना उसका दोहरा चरित्र है। देश और ऊर्जा जरूरतों की दृष्टि से उत्तराखंड में निर्मित या निर्माणाधीन लगभग सभी परियोजनाओं में उनकी सरकारों के कार्यकाल से ही काम जारी है । वहीं इनके अतिरिक्त सैनिकों, देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं व स्थानीय निवासियों की जरूरतों को जोड़ते चारधाम प्रोजेक्ट व रेलमार्ग के राष्ट्रीय व क्षेत्रीय महत्व से भी वे अनजान नही हैं । लेकिन बिना किसी तकनीकी व वैज्ञानिक रिपोर्ट के इन तमाम परियोजनाओं को आज अपनी राजनैतिक यात्रा के माध्यम से पहाड़ में अनियंत्रित व अनियोजित विकास बताकर देश भर में प्रचारित किया गया है । जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व पहाड़ विरोधी है । उन्होंने कांग्रेस की इस कोशिश को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए, राष्ट्र व पहाड़ विरोधी ठहराया । उन्होंने कहा, हमारी सरकार शुरुआत से ही आपदा प्रभावितों को राहत एवं मदद पहुंचाने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है और जिससे सभी संतुष्ट भी हैं । जहां तक जोशीमठ में सुधार व पुनर्वास का विषय है तो केंद्र व राज्य की शीर्ष विशेषज्ञ एजेंसियों की फाइनल रिपोर्ट का सभी को इंतजार है ।