देशभर में कोविड के मामले अब बहुत कम सामने आ रहे हैं और उत्तराखंड देश के उन राज्यों में हैं जहां पर स्थिति बहुत काबू में हैं. लेकिन इस कोविड 19 को काबू में लाने का पूरा श्रेय जाता है उन स्वास्थ्य कर्मियों को जिन्होंने दिन रात काम किया, जब हर कोई अपने घर के अंदर रहकर कोरोना से बच रहा था उस वक्त स्वास्थ्य कर्मी आम लोगों को कोरोना से बचा रहे थे. स्वास्थ्य कर्मी कोविड मरीजों के बीच में रहकर उन्हें स्वस्थ कर रहे थे. वहीं उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग की हालत कितनी दयनीय है ये किसी से छिपी नहीं है, देहरादून से लेकर दूर पहाड़ तक स्वास्थ्य कर्मियों की बड़ी कमी है, और कोविड़ से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी संख्या में संविदा में कर्मचारियों की नियुक्ति की ये कर्मचारी दिन रात काम करते रहे और प्रदेश सरकार ने उन्हें कोरोना वॉरियर्स कहकर उनका सम्मान भी किया. वहीं अब कोरोना के संभावित खतरे को समाप्त होता देख कोरोना वॉरियर्स की सेवाओं को भी 31 मार्च को समाप्त कर दिया गया है, हमने आपको पहले ही बताया था की बड़ी संख्या में कोरोना वॉरियर्स को हटाया जायेगा. जिसके बाद से ही कोरोना वॉरियर्स के तौर पर काम करने वाले कर्मचारी धरना प्रदर्शन करने को मजबूर है। सेवा विस्तार की मांग को लेकर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत से मुलाकात करने पहुंचे कर्मचारियों वहां भी सम्मान नहीं मिला। स्वास्थ्य मंत्री बीना प्रभावित कर्मचारियों से मुलाकात किए अन्य किसी कार्यक्रम के लिए रवाना हो गए। इसके बाद सभी संविदा कर्मचारी बहुत नाराज नजर आ रहे हैं.