विधानसभा का सत्र सोमवार 30 अगस्त से शुरू होने जा रही है वही विधानसभा सत्र से पहले विधानमंडल दल की बैठक हुई, बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई वही जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक रहा, वो था मलिन बस्तियों का मुद्दा।
जैसे ही चुनाव नजदीक आते हैं वैसे ही मलिन बस्तियों की राजनीति भी तेज हो जाती है जहां जनप्रतिनिधि चाहते हैं कि मलिन बस्तियों को ना हटाया जाए। क्योंकि मलिन बस्तियां एक बड़ा वोट बैंक होती है, और सीधे तौर पर एक जनप्रतिनिधि को बड़ी संख्या का वोट बैंक नजर आता है। और इसी वजह से कोई भी जनप्रतिनिधि जिसके क्षेत्र में मलिन बस्ती पढ़ती है वह उन्हें हटने से रोकने का हर प्रयास करता है।
वही सोमवार से शुरू होने जा रहे विधानसभा से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानमंडल दल की बैठक बुलाई और विधानमंडल दल की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई और उनमें से ही एक मुद्दा रहा मलिन बस्तियों का। बैठक में फैसला लिया गया कि 2024 तक मलिन बस्तियों का अतिक्रमण नहीं हटाया जाएगा जिसके बाद विधायकों ने सरकार का आभार भी व्यक्त किया और इसे एक सराहनीय निर्णय बताया।
जनप्रतिनिधियों का कहना है कि इससे हजारों गरीबों को राहत मिलेगी जो इन मलिन बस्तियों में रहते हैं