देश में ऐसा शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसे भारतीय सेना और उसके हथियारों के बारे में पता हो, और वो ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के बारे में ना जानता हो। ये फैक्ट्री देश भर में है और इसकी एक ब्रांच देहरादून में भी है,वहीं ऑर्डिनेंस फैक्ट्री पिछले लंबे समय से भारतीय सेना के लिए लगातार हथियार बनाते आ रही है। लेकिन अब केंद्र सरकार ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को निजी हाथों में दे दिया है, जिसके बाद प्राइवेट सेक्टर और पब्लिक सेक्टर मिलकर अब इस फैक्ट्री को चलाएंगे। लेकिन निजीकरण के चलते ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में पिछले लंबे समय से संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को बिना नोटिस दिए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। अचानक से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद संविदा कर्मचारी आक्रोशित हैं और इसी की वजह से धरने पर बैठ गए हैं। जहां कंपनी ने उनको काम पर आने से मना कर दिया है तो, वह लोग भी अब समझ नहीं पा रहे कि आखिर वह करेंगे क्या।
जो कोई भी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के बारे में जानता है वह यह बात भी जरूर जानता होगा कि पिछले कई दशकों में इस फैक्ट्री ने भारतीय सेना के लिए कई कलपुर्जे बनाए हैं, कुछ दिन पहले ही देहरादून ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में दूरबीन भी बनाई थी जिस दूरबीन की चर्चा हर तरफ हो रही थी। इसके साथ ही कई ऐसे हथियार या फिर हथियारों में काम आने वाले उपकरण हैं जो की ish फेक्ट्री में बनाए जा चुके हैं।
वही निजी करण की वजह से 100 से ज्यादा कर्मचारियों को सीधे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, जिसके बाद कर्मचारी अब केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल कर रहे हैं वह बोल रहे हैं जब मोदी जी ने रोजगार देने की बात की थी तो आखिर रोजगार छीना क्यों जा रहा है।