श्री हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मन्दिर के कपाट गुरूवार को अपराह्न एक बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने के दौरान सैकड़ों सिख श्रद्वालुओं का जत्था अंतिम अरदास के साक्षी रहे। हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने की प्रक्रिया सुबह से प्रारम्भ हो गयी थी।
गुरुद्वारा प्रबंधक सेवा सिह ने बताया कि प्रातः 10ः00 बजे सुखमणि साहिब पाठ और सबद कीर्तन के पश्चात साल की अन्तिम अरदास तथा गुरु ग्रंथ साहिब का हुक्मनामा पढने के बाद पंच प्यारों और सेना के इंजीनियर कोर की बैंड की अगुवाई में गुरु ग्रंथ साहिब को सतखंड लाया गया तत्पश्चात दोपहर 1.00 बजे गुरुद्वारा के कपाट बंद किए गए।
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट द्वारा यात्रा को सुखमय ढंग से संपूर्ण सहयोग देकर सफल बनाने के लिए सभी संगतों, शासन-प्रशासन एवं स्थानीय लोगों का आभार प्रकट किया। हेमकुंड साहिब की यात्रा इस वर्ष 25 मई को प्रारंभ हुई थी। इस वर्ष 1.84 लाख श्रद्धालुओं ने श्री हेमकुंड साहिब के दर्शन किया। इसके साथ ही हिंदुओं के पवित्र तीर्थ स्थल लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी पूरे विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।