ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना को लेकर मीडिया को जानकारी दी। बताया कि यह योजना 2018-19 में लॉन्च की गई थी लेकिन योजना में काफी खामियां थी जिसमे लोगों ने रुचि नहीं दिखाई, चार से पांच साल के अंतराल में ऊर्जा विभाग केवल 3 मेगावाट ऊर्जा ही जनरेट कर पाया।
सचिव ऊर्जा ने बताया कि साल 2022 में योजना का फिर रिव्यू किया गया जिसमें तमाम बंदिशों को खोल दिया गया और 900 किलो वाट तक इसमें प्रावधान किया गया। इसके बाद लोगों ने रुचि दिखानी शुरू की। इसका फायदा यह हुआ कि सौर ऊर्जा के अंतर्गत अभी तक 174 केवी की योजनाएं निर्माण अधीन है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश के तीन जिले बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसमें उत्तरकाशी, टिहरी और चंपावत शामिल है। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक में कुकरेड़ा गांव एक आदर्श ग्राम के रूप में नजीर पेश कर रहा है। जहां लोग इस योजना का दोहरा फायदा ले रहे हैं। बताया कि इस गांव में ऊपर सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाया गया है जबकि नीचे अदरक की खेती की जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री द्वारा इसका लोकार्पण कराया जाएगा ताकि प्रदेश के साथ-साथ देश के लिए भी एक मॉडल के रूप में विकसित किया जा सके।
आर मीनाक्षी सुंदरम, ऊर्जा सचिव