प्रदेश में बेरोजगारी को लेकर भले ही हर राजनीतिक दल चर्चा करते हों, साथ ही स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा को सुधारने की बात भी लगातार सरकार करती रहती है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। जहां पहाड़ों में स्वास्थ्य की हालत लचर है तो शिक्षा भी अपनी गुणवत्ता को हर दिन खोती जा रही है। और इन सब के बीच में वह युवा जो सोचते हैं कि पढ़ने-लिखने के बाद अपनी सेवा प्रदेश में देंगे, उनके लिए प्रदेश के सरकारी विभागों में जगह ही नहीं है।
बीएड टीईटी उत्तीर्ण प्रशिक्षित महासंघ पिछले 20 दिन से देहरादून स्थित शिक्षा निदेशालय में सांकेतिक धरने पर बैठा है। महासंघ कि सिर्फ एक सूत्रीय मांग है और वह मांग है राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के रिक्त पदों पर गतिमान प्राथमिक शिक्षक भर्ती 9 नवंबर 2020 से 31 मार्च 2020 तक रिटायर तथा पदोन्नति एवं अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के समायोजन से रिक्त हुए पदों को सम्मिलित करते हुए गतिमान प्राथमिक शिक्षक भर्ती के कुल 4000 पदों पर नियुक्ति चयन प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
इस मांग को लेकर जहां महासंघ पिछले 20 दिन से सांकेतिक धरने पर बैठा है वहीं उनके प्रतिनिधिमंडल ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अगुवाई में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात की और अपनी सारी पीड़ा मुख्यमंत्री के सामने रखी।
इस दौरान महासंघ से जुड़े पदाधिकारी जिसमें उपाध्यक्ष प्रीति, अरविंद राणा, राजीव राणा अर्पण जोशी, अभिषेक भट्ट, रेखा, राजकिशोर, प्रवीण सैनी जय प्रकाश पंवार, अरविंद, सुनील, अरविंद पाल, वंदना तोमर, उर्मिला शर्मा मौजूद थे।
महासंघ ने मुख्यमंत्री से जब मुलाकात की तो उसके बाद अपनी सारी बात उन तक रखी और उसके बाद मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द उनकी पीड़ा को दूर किया जाएगा।
आपको बताते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला।
महासंघ कि प्रदेश महिला अध्यक्ष विजयलक्ष्मी के अनुसार राज्य में सहायक अध्यापक (प्राथमिक) के पदों पर गतिमान शिक्षक भर्ती 9 नवंबर 2020 के अनुपालन में मार्च 2020 तक रिक्त पदों के सापेक्ष जनपद वार विज्ञापन जारी किए गए हैं जबकि राज्य के प्राथमिक विद्यालयों से रिटायर और पदोन्नति तथा अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में समायोजन से सहायक अध्यापकों के कुल 4000 पद रिक्त हो गए हैं। इसके साथ ही उच्च न्यायालय नैनीताल में लंबित वादों और कोविड-19 के कारण उधम सिंह नगर हरिद्वार देहरादून जनपदों में सामान्य भर्ती का विज्ञापन भी प्रकाशित नहीं हो सका। और इसके कारण उत्तराखंड राज्य में अधिकांश बीएड टीईटी प्रथम उतरी ने प्रशिक्षित बेरोजगार जिनकी आयु सीमा 42 वर्ष की बाध्यता को पार करने की कगार पर खड़ी है आखिर वो क्या करेंगे।
महासंघ के प्रदेश महासचिव बलबीर बिष्ट के अनुसार कोविड-19 महामारी के दौरान 42 साल आयु सीमा पार कर रहे b.Ed पर शिक्षकों की संवेदन स्थिति और प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी का संज्ञान लेते हुए वर्तमान में गतिमान प्राथमिक भर्ती राज्य के प्राथमिक विद्यालय में सेवा निर्मित और पदोन्नत तथा अटल विश्वविद्यालयों में समायोजन सहायक अध्यापक के समस्त रिक्त पदों को सम्मिलित करते हुए कुल 4000 रिक्त पदों पर उच्च न्यायालय नैनीताल में लंबित वादों का निस्तारण करवा कर चयन प्रक्रिया को जल्द से जल्द करवाया जाए जिससे उत्तराखंड में 35,000 बीएड टीईटी प्रथम उत्तीर्ण प्रशिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा।