उत्तराखंड में रहने वाले लोगों के लिए हमेशा से दो चीजें परेशानी का सबब बनी रही हैं, एक है पानी दूसरी है सड़क. भले उत्तर भारत के बड़े क्षेत्र को पानी की पूर्ति हिमालय से खासतौर पर उत्तराखंड से निकली हुई नदियां करती हो, लेकिन उत्तराखंड के गांव में पानी की हालत क्या है यह किसी से छिपी नहीं है. दूसरी तरफ दूर-दराज के गांव, ऐसे गांव जहां पर पैदल जाने के लिए घंटों लग जाते हैं, ऊंचे पहाड़ कई के हौसले पस्त कर देते हैं. ऐसे में एक सहारा जो बनकर आता है, वो है सड़क. सड़क जो दूरदराज के गांवों को जोड़ती है भले ही वह 10 फुट की क्यों ना हो लेकिन हर कोई चाहता है कि उनके गांव तक कम से कम एक सड़क जरूर जाए उत्तराखंड में सैकड़ों ऐसे गांव हैं जहां पर सड़कें तो चली गई है लेकिन वह सालों से कच्ची की कच्ची है. बरसात का मौसम आते ही सड़कें गीली मिट्टी में तब्दील हो जाती हैं. और बाकी समय हालात बेहतर नहीं होते. और जो सड़के पक्की है उनके हालात भी कुछ खास नहीं है और एक ऐसा ही मामला और
पूर्व मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के गांव के पिनाली का है.
दरअसल चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र के इस गांव की पाबौ-पिनाली रोड खस्ताहाल है. दूसरी तरफ पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के विधानसभा सड़क भी ऐसी ही है. सड़क के हालत इतने खराब हैं की पक्की और कच्ची सड़क में अंतर ज्यादा नही है. वहीं सड़क खराब होने की वजह से आम लोग काफी परेशान हैं, और अपनी नाराजगी भी खुलकर जता रहे हैं.स्थानिय लोग अब खुलकर कह रहे हैं जब निशंक मुख्यमंत्री थे उसके बाद वो केंद्र में शिक्षा मंत्री भी बन गए वहीं सतपाल महाराज भी कैबिनेट मंत्री हैं और हमारी सड़क के हालत वैसे के वैसे ही हैं.आज कोई भी सड़क को ठीक नहीं करा पा रहा है. ताज्जुब की बात ये है कि सतपाल महाराज के पास ही पीडब्ल्यूडी है. तब भी सड़क नहीं बन रही है तो फिर इसे कौन बनाएगा ये बड़ा सवाल है.स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को चुनने वाली जनता सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर प्रदर्शन करने की ठान चुके हैं.उत्तराखंड में 21 साल बाद भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की दयनीय हालत बयां करती है
वीवीआईपी जिला पौड़ी के नेताओं के लिए ये आत्ममंथन का समय है.रमेश पोखरियाल निशंक इस समय हरिद्वार से सांसद हैं. ग्रामीणों का गुस्सा अपने इन नेताओं पर भी फूट रहा है. इसी चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से भी लोग नाराज हैं.