देहरादून से सटे लच्छीवाला के जंगल में भारी मात्रा में नींद की एक्सपायरी दवाइयों के साथ-साथ अन्य कई दवाइयां फेंकने का सिलसिला लगातार जारी।नेक्स्ट एवोल्यूशन ऑफ वर्ल्ड न्यू संस्था ने कुछ समय पहले लच्छीवाला के जंगल में भारी मात्रा में एक्सपायरी दवाइयां होने की बात संबंधित विभाग को बताई थी जिसके बाद विभाग ने उन दवाइयों को वहां से हटा दिया था वही एक बार फिर से उसी स्थान पर एक्सपायरी व प्रतिबंधित दवाइयां की एक बड़ी खेप पड़ी हुई मिली है।
यह जानकारी हमारे साथ नेक्स्ट एवोल्यूशन ऑफ वर्ल्ड न्यू संस्था के प्रेसिडेंट हरप्रीत सिंह ने दी, उन्होंने बाकायदा इसके लिए देहरादून के जिला अधिकारी को एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने बताया है कि पिछले कई बार लच्छीवाला के जंगल में एक्सपायरी दवाइयों को फेंका जा रहा है इन दवाइयों को फेंकने से जहां जंगली जानवरों को नुकसान हो सकता है, वहीं अन्य कई और घातक परिणाम भी हो सकते हैं।
हरप्रीत सिंह ने जिला अधिकारी को पत्र में लिखा है की
अवधि पार एक्सपायर व प्रतिबंधित दवाइयों फेंकने का सिलसिला लछीवाला के जंगल में लगातार जारी है। नेक्स्ट एवोल्यूशन ऑफ वर्ल्ड न्यू संस्था ने एमपीसीसी की मदद से नष्ट किया जाने के उपरांत एक बार पुनः भारी मात्रा में खुले आम देहरादून हरिद्वार नेशनल हाईवे से सटे जंगल लछीवाला सड़क किनारे बहुत बड़ी मात्रा में जहरीली दवाइयों को फेंका जा रहा है इस तरह की लगातार घटनाएं सामने आ रही है परंतु संबंधित विभागों द्वारा इन दवाई निर्माताओं कंपनियों के ऊपर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही खुले में पड़ी इन दवाओं से कोई खतरनाक बीमारी फैलने का भय क्षेत्र में बना हुआ है समय रहते इन दवाइयों को जंगल में से ना उठाया गया तो जंगली हाथी बंदर हिरण गाय एवं अन्य पशु पक्षियों के द्वारा इन दवाइयों को खाने से इन बेजुबान ओं की मौत हो सकती है
वही सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर इन एक्सपायरी दवाइयों को यहां पर फेंक कौन रहा है? क्या स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी है? और क्या इन दवाइयों का इस्तेमाल नशे के लिए भी किया जा सकता है? इससे पहले भी प्रदेश के कई जगह में नकली दवाइयों की भारी खेप पकड़ी जा चुकी है ऐसे में क्या यह दवाइयां भी नकली हो सकती है इसकी जांच भी की जानी चाहिए।