मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट में कभी भी विस्तार हो सकता है, अभी की बात करें तो प्रदेश में कुछ मंत्री पद खाली पड़े हुए हैं, ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही कैबिनेट का विस्तार होगा और इन सभी पदों को भरा जाएगा। वहीं कई राजनीतिक विशेषज्ञ तो यह भी मान रहे हैं कि मौजूदा कैबिनेट में से कुछ कैबिनेट मंत्रियों का पत्ता भी कट सकता है, ऐसे में किस का पता कटेगा किसका नहीं यह भले ही अभी तक तय नहीं हो पाया है लेकिन नाम कई मंत्रियों के चल रहे हैं।
बाकी उम्मीद है कि 15 जुलाई से पहले कैबिनेट का विस्तार हो जाएगा। माना यह भी जा रहा है कि सभी कैबिनेट मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड भाजपा हाईकमान ने अपने पास मंगवा लिया है। इस रिपोर्ट कार्ड को बनाने में जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अहम जिम्मेदारी निभाई है, तो उसके साथ ही संगठन और भाजपा के लिए काम करने वाली आउट सोर्स कंपनियों ने भी अपनी अहम जिम्मेदारी निभाई है। पूरा रिपोर्ट कार्ड इन्ही सभी ने मिलकर तैयार किया है और इसमें 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर हर उस बात का ध्यान रखा गया है जिससे आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को थोड़ा भी नुकसान हो सकता है।
वहीं जैसे ही यह बात लगभग तय हो गई है कि धामी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, तो अब कई विधायकों के नाम भी मंत्री पद के लिए दौड़ने शुरू हो गए हैं।
लेकिन पिछले 6 सालों में जिसने भी नजदीक से प्रदेश सरकार को देखा है या फिर बीजेपी हाईकमान की कार्यशैली को समझा है वह मानते हैं कि आमतौर पर जिस भी विधायक का नाम मंत्रिमंडल की रेस में बहुत तेजी से दौड़ता है या फिर जो भी विधायक अपना नाम खुद मीडिया, सोशल मीडिया पर चलवाता है उसका पत्ता लगभग कटना तय होता है।
अभी भी यह देखने के लिए मिल रहा है कि कई विधायकों के नाम दौड़ने शुरू हो गए हैं, ऐसे कई विधायक हैं जिनका अपने क्षेत्र में रिपोर्ट कार्ड बहुत ही खराब है। स्थानीय जनता उनको बिल्कुल पसंद नहीं कर रही है। बावजूद इसके वह अपना नाम मंत्रिमंडल की दौड़ में छपवा रहे हैं।
वहीं भाजपा हाईकमान ऐसे सभी नामों पर बिल्कुल भी चर्चा करने के मूड में नजर नहीं आ रही है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हो या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह उन्होंने साफ तौर पर ऐसे नामों को लिस्ट में डालने से भी मना कर दिया है जो मीडिया और सोशल मीडिया पर अपना नाम मंत्रिमंडल की दौड़ में छपवा रहे हैं, खासतौर पर वह विधायक जिनका अपने क्षेत्र में बिल्कुल भी योगदान नजर नहीं आ रहा है।