उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। उत्तराखण्ड के बाहर देश और दुनिया में उनके चाहने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। वह जहां भी जाते हैं वहां उनके प्रशंशक उनकी अगुवाई के लिए आतुर रहते हैं। हर कोई मुख्यमंत्री से मिलना और उनके साथ सेल्फी लेना चाहता है। ऐसा ही नजारा दुबई में भी देखने को मिल रहा है जहां धामी ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ के सिलसिले में निवेशकों को न्योता देने पहुंचे हैं। कुछ समय पहले ऐसे ही जोशो खरोस से उनका स्वागत इंग्लैंड में भी हुआ था। मुख्यमंत्री धामी जब लोगों के बीच होते हैं तो वह रुककर उनसे मुखातिब होते हैं। उनसे गले लगते हैं और आत्मीय संवाद कायम करते हैं। ऐसे में कई लोग धामी का ऑटोग्राफ लेना चाहते हैं, ताकि उसे याद के तौर पर संजो का रख सकें। धामी भी अपने प्रशंसकों को निराश नहीं करते। धामी के विदेश दौरों से ऐसी भी तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें वह लोगों के साथ उनके मनमाफिक फोटो खिंचवा रहे हैं जिससे उनके प्रशंसक भी उत्साहित हैं। वह लोगों से सिर्फ मिलते ही नहीं बल्कि उनके साथ हल्के फुल्के पल भी बिताते हैं। स्वागत के दौरान अगर कोई छोटा बच्चा उनके पास दिख जाता है तो उससे हंसी ठिठोली जरूर करते हैं। ऐसा नहीं कि धामी के प्रशंसकों में केवल युवा और बच्चे ही शामिल हैं। हर उम्र के लोग उनके मिलना चाहते हैं, अपने विचार और भावनाएं साझा करना चाहते हैं। इसकी ताजा तस्वीर दुबई के एक होटल से आई है, जहां उनसे मिलने के लिए बड़ी संख्या में बुजुर्ग भी पहुंचे थे। वो बस धामी से मिलना और अपनी बोली–भाषा में उनसे बात करना चाहते थे। धामी भी प्रवासी उत्तराखण्डियों का आह्वान कर रहे हैं कि वे दुनियाभर में अपनी संस्कृति व परम्पराओं का संवर्धन करते रहें। अपनी जड़ों से जुड़े रहें और साल में एक बार उत्तराखण्ड जरूर आएं। मुख्यमंत्री धामी के बढ़ती लोकप्रियता के पीछे एक नहीं कई कारण हैं। वह सरल स्वभाव के हैं। मीठा बोलते हैं। उनके व्यवहार में सादगी झलकी है। उनका अंदाज भी ठेठ पहाड़ी है। इसके अलावा धामी ने अपने कार्यकाल में प्रदेश के कार्य संस्कृति में जो बदलाव किया उससे उनकी अलग छवि बनी है। उन्होंने नकल विरोधी कानून, जबरन धर्मांतरण कानून लागू करने के साथ ही समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए जो ठोस पहल की है, उसको पूरे देश में सराहा जा रहा है। –––