उत्तराखंड का शिक्षा विभाग आए दिन चर्चाओं में रहता है और चर्चाओं में रहने की कई सारी वजह हैं।
फिर बात करें शिक्षकों की तो शिक्षक पहाड़ के स्कूलों में जाने से बचते रहते हैं, और इसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार बैठे रहते हैं। तो दूसरी तरफ पहाड़ी क्षेत्र में जो स्कूल है वहां पर लगातार स्टूडेंट्स की कमी होती जा रही है, और आज हालात यह हैं कि कई ऐसे स्कूल जहां पर 10 से भी कम बच्चे पढ़ रहे हैं। और इस वजह से उन स्कूलों को बंद करने की तरह भी शिक्षा विभाग बढ़ रहा है।
लेकिन अब यह सब बातें पुरानी हो चुकी है, और इस बार जो मामला सामने आया है वह अपने आप में चौकाने वाला भी है क्योंकि उत्तराखंड में ऐसी बातें आमतौर पर सुनाई नहीं देती है।
मामला पौड़ी से जुड़ा हुआ है, जहां पर मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी द्वारा 20 सितम्बर 2022 को रा०प्रा०वि० बग्वाडी, थलीसैण का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान संज्ञान में आया कि रा०प्रा०वि० बग्वाडी, थलीसैण की प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत खुद स्कूल नही आ रही हैं, यही नही वो अपनी जगह पर किसी ग्रामीण लड़की को छात्र – छात्राओं को पढ़ाई करने के लिए भेज रही हैं।
मामला जैसे ही सामने आया उसके बाद मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी ने इसे गंभीरता से लेते हुए एक पत्र जारी कर दिया।
पढ़े आप भी क्या लिखा है उन्होंने अपने पत्र में
आज दिनांक 20 सितम्बर 2022 को मेरे द्वारा रा०प्रा०वि० बग्वाडी, थलीसैण का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान संज्ञान में आया कि रा०प्रा०वि० बग्वाडी, थलीसैण की प्रभारी प्रधानाध्यापिका श्रीमती शीतल रावत द्वारा अपने स्थान पर किसी ग्रामीण लड़की को छात्र – छात्राओं के अध्यापन हेतु रखा गया है। जिसका नाम कुमारी मधु रावत है, जिसे रूपये 2500.00 (रूपये दो हजार पांच सौ मात्र) मासिक पारिश्रमिक का भुगतान श्रीमती शीतल द्वारा प्रदान किया जाता है। उक्त प्रकरण अत्यन्त गम्भीर है।
अतः उक्त के क्रम में उप शिक्षा अधिकारी, थलीसैण को निर्देशित किया जाता है कि
उक्त प्रकरण की विस्तृत जांच कर इस सम्बन्ध में प्रभारी प्रधानाध्यापिका श्रीमती शीतल
रावत का स्पष्टीकरण अधोहस्ताक्षरी कार्यालय को अपनी आख्या सहित उपलब्ध करायेंगें।
सन्तोषजनक स्पष्टीकरण प्राप्त होने अथवा उप शिक्षा अधिकारी थलीसैण द्वारा स्पष्टीकरण से
सन्तुष्ट होने का प्रमाण पत्र प्राप्त होने तक रा०प्रा०वि० बग्वाडी, थलीसैण की प्रभारी
प्रधानाध्यापिका श्रीमती शीतल रावत के वेतन आहरण पर अग्रिम आदेशो तक रोक लगायी जाती है।