इस साल पिछले लंबे समय से चारधाम यात्रा बंद पड़ी हुई थी, लेकिन तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड के विरोध के साथ-साथ जो यात्रा बंद पड़ी है उसका भी खुलकर विरोध किया और कई दिनों तक आंदोलनरत रहे। वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ लंबी वार्ता होने के बाद तीर्थ पुरोहित और हक हकूकधारियों ने अपने आंदोलन को 31 अक्टूबर तक के लिए स्थगित करने का फैसला लिया लेकिन ऋषिकेश में देवस्थानम एक्ट को लेकर एक बार फिर से तीर्थ पुरोहितों ने बैठक की और उसमें सरकार के ऊपर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए फिर से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दे डाली।
इससे पहले जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से तीर्थ पुरोहित और हक हकूकधारियों की वार्ता हुई थी तो उसमें सीधे तौर पर तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम एक्ट को समाप्त करने की बात कही थी साथ ही चारधाम यात्रा को भी सुचारू करने की बात कही थी। इसके बाद चारधाम यात्रा तो सुचारू हो गई लेकिन देवस्थानम एक्ट में अभी भी कोई भी चर्चा नहीं हुई है।
और इसी को लेकर तीर्थ पुरोहित और हक हकूबधारियों ने एक बैठक की जिसमें उनके अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल ने कहा कि सरकार ने उनके साथ वादाखिलाफी की है , जहां वादा किया गया था कि जल्द से जल्द इस एक्ट पर विचार होगा तो अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है। जहां सरकार ने कहा था कि हम इस एक्ट को भंग करेंगे वही सरकार अभी इस पर निर्णय पर निर्णय निर्णय लेती जा रही है,
इसी वजह से हम एक बार फिर से आंदोलन शुरू करेंगे वही महा पंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल पहले भी कह चुके हैं कि अगर सरकार उनकी बात नहीं सुनती है तो वह एक ऐसा आंदोलन करेंगे जिसे कोई रोक नहीं पायेगा।