बागेश्वर में आज पुलिस ने छात्र नेता बॉबी पंवार को गिरफ्तार कर लिया है। बागेश्वर में चल रही चुनावी प्रक्रिया के बीच बॉबी की अचानक वहां मौजूदगी को लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। स्पष्ट है कि बॉबी यूं ही बागेश्वर नहीं पहुँचा बल्कि उसका वहां एकाएक पहुँचना किसी गहरी राजनीतिक साजिश से जुड़ा है। जब बागेश्वर में युवाओं की कोई भर्ती परीक्षा नहीं हो रही तो एक छात्र नेता का वहां जाने का औचित्य समझ से परे है। जाहिर है कि बॉबी के पीछे खड़ी ताकतें उसके जरिए अपना खेल, खेल रही हैं। कभी बेरोजगारों के नाम पर तो कभी पेपर लीक के नाम पर अपनी दुकानदारी चलाने वाला बॉबी पंवार चर्चा में रहने को हर जतन कर रहा है। अब इस व्यक्ति की सुर्खियों में बने रहने की आदत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिस बागेश्वर विधानसभा क्षेत्र में अभी चुनाव की अहम प्रक्रिया चल रही है, वहां भी इसने जबरन अपनी गर्दन घुसाने की कोशिश की। वो, अलग बात है कि पुलिस प्रशासन ने इसके इरादे भांपते हुए उसे आज गिरफ्तार कर लिया। स्पष्ट है कि पिछले काफी समय से एकता विहार के अनशन स्थल में बॉबी पंवार अपने साथियों सहित आंदोलन कर रहा था लेकिन बीते कुछ समय से ना तो उसे कोई मीडिया अटेंशन ही मिल रहा था और ना ही उसकी आवाज ही ठीक ढंग से उठ पा रही थी। ऐसे में बागेश्वर उपचुनाव के बीच बॉबी का एकाएक मंदिर दर्शन के लिए वहां जाने का कार्यक्रम कई नए सवालों को जन्म दे रहा है। सबसे बड़ा सवाल तो यही की बागेश्वर जाने के पीछे उसकी व उसके पीछे खड़ी ताकतों की यही मंशा है कि कैसे भी यहां भाजपा उम्मीदवार की दावेदारी को कमजोर किया जाए। ऐसा नहीं होता तो एक छात्र नेता का भला अपना शहर छोड़ मीलों दूर जाने का क्या औचित्य है। विदित हो कि जब पिछले दिनों देहरादून में मुट्ठी भर बरगलाए हुए छात्रों को लेकर बॉबी ने आंदोलन किया था तो तब भी उसके पीछे कुछ ऐसी ताकतें खड़ी थी जो राज्य में सरकार विरोधी माहौल बनाना चाहती थी। हालांकि, तब धामी सरकार के राज्य में नकल विरोधी कानून ने बॉबी व उसके पीछे खड़ी ताकतों के मंसूबों पर पानी फेर दिया था।बागेश्वर में भी बॉबी का मंदिर दर्शन तो बस बहाना भर था, असल मकसद तो कुछ और ही था। खैर, पुलिस प्रशासन ने उसके इरादों पर पानी फेर दिया।