पिछले कई सालों की तुलना में इस साल चार धाम की यात्रा में बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु देश भर से पहुंच रहे हैं फिर चाहे बाबा केदारनाथ के दर पर श्रद्धालुओं की संख्या पिछले कई सालों की तुलना में बहुत ज्यादा हो या फिर भगवान बद्री विशाल के दर्शन के लिए उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ और गंगोत्री यमुनोत्री में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु देश भर से पहुंच रहे हैं। वहीं इस दौरान जहां घंटो तक लंबी लंबी लाइन लगाकर श्रद्धालु सिर्फ एक बार दर्शन करना चाहते हैं तो पिछले लंबे समय से एक प्रथा चली आ रही थी जिसमें वीआईपी दर्शन उन व्यक्तियों को कराए जाते थे जो या तो वीआईपी होते थे या VIP का रुतबा लेकर दर्शन करने की सोचते थे। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बहुत बड़ा फैसला लिया है VIP दर्शन को लेकर लिया है।
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के दृष्टिगत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को सुव्यवस्थित और नियमानुसार यात्रा संचालन के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने चारों धामों में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था को समाप्त करते हुए एक समान व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस विभाग नियमों का कड़ाई से पालन करें और अतिरिक्त सावधानी बरते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा को लेकर सरकार लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। बीते 2 सालों में कोविड संक्रमण के कारण यात्रा नहीं चल पाई है ऐसे में इस बार यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा हमारी चुनौती है लेकिन सरकार इसे सुव्यवस्थित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बीते कुछ समय में चार धाम यात्रा में जितनी भी कैजुअल्टीज हुई हैं वह यात्रा में अव्यवस्था एवं भगदड़ मचने से नहीं बल्कि अन्य स्वास्थ्यगत कारणों से हुई है। मुख्यमंत्री ने चार धाम यात्रा पर आने वाले नौजवानों से अनुरोध करते हुए कहा है कि नौजवान पहले बुजुर्ग एवं महिलाओं को दर्शन करने का मौका दें।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह फैसला सराहनीय है क्योंकि जिस तरह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है हर कोई दर्शन करना चाहता है। हालात यह है कि कई किलोमीटर की लंबी लाइनें लगी है हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। और ऐसे में जब वीआईपी दर्शन के चक्कर में उन्हें कुछ और घंटों का इंतजार करना पड़ता है तो वह अन्य समय की तुलना में दोगुना लगता है, ऐसे में मुख्यमंत्री का यह फैसला जिस में वीआईपी दर्शन ना कराने की बात कही गई है तारीफ योग्य है।