जहां प्रदेश में राजनीति अब पूरी तरह से चुनावी मोड़ में आ चुकी है, हालत यह है की एक दल को छोड़कर दूसरे में जाने का सिलसिला भी तेज हो गया है. तो दूसरी तरफ बेरोजगार हैं की वो धरने पर बैठे हैं. तो बीएड (टीईटी) प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ से जुड़े शिक्षक पिछले लंबे समय से अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं, उनकी जो प्रमुख मांगे हैं वो है
ये मांगे ऐसी हैं जिन्हें सरकार अपने स्तर पर निपटा भी सकती है, और उन्हें रोजगार भी दे सकती है. लेकिन स्थिति है की वो अभी भी इसके लिए सामान्य नही हुई है ना ही इन्हें ऐसी आशा है. ऐसे कई शिक्षक है जिनकी उम्र अब इस दहलीज पर पहुंच चुकी है की कुछ महीनों बाद ये ओवर एज हो जायेंगे. और इसका दुख इनके चेहरों पर साफ नजर भी आ रहा है. ऐसे कई शिक्षक हैं जो पिछले लंबे समय से अपनी सेवा दे रहे हैं लेकिन हालत उनके लिए भी सामान्य नही हैं. वहीं धरना लगातार जारी है अरविन्द शाह, प्रमोद कुमार, गणेश भीमताल, सुभाष चंद्र बिष्ट, विक्रम जीत लगातार वहां पर डटे हुए हैं और मांग है सिर्फ नियुक्ति.