श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ (कर्नल)सलिल गर्ग ने ऐसा कर दिखाया है जो की किसी भी डॉक्टर के लिए करना आसान नही होता डॉ सलिल गर्ग को फोर्टीज अस्पताल चंडीगढ़ आमंत्रित किया गया था, जहां पर उन्होंने दुनिया का सबसे छोटा पेसमेकर मरीज़ को लगाकर एक नया कारनामा कर दिखाया। इस प्रोसीजर के लिए उन्हें विशेष रूप से श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल से फोर्टीज अस्पताल चण्डीगढ़ आमंत्रित किया गया था। फोर्टीज अस्पताल के डॉक्टरों व स्टाफ की मदद से मरीज़ को यह पेसमेकर लगाया गया। डॉ सलिल गर्ग इससे पूर्व उत्तराखण्ड का पहला माइक्रो पेसमेकर श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में लगा चुके हैं। डॉ सलिल गर्ग कॉर्डियोलॉजी के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम हैं।
फोर्टीज अस्पताल ने इस प्रोसीजर के लिए डॉ सलिल गर्ग को विशेष रूप से आमंत्रित किया था, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ कॉर्डियोलॉजिस्ट एवम् विभागाध्यक्ष डॉ (कर्नल) सलिल गर्ग ने जानकारी दी कि इस पेसमेकर का वजन मात्र 2 ग्राम है व साइज़ में यह पेसमेकर एक बड़े विटामिन कैप्सूल के आकार के बराबर है। मेडिकल साइंस में इसे माइक्रा ट्रांसकैथेटर पेसिंग सिस्टम कहते हैं। दुनिया के ब्रेडिकॉर्डिया के रोगियों के लिए यह मेसमेकर विश्व का सबसे छोटा पेसमेकर है। अभी तक यह पेसमेकर लगाने की सुविधा देश के मैट्रों शहरों के नामचीन अस्पतालों में ही उपलब्ध थी। श्री महंत इंद्रेश अस्पताल में वरिष्ठ कॉर्डियोलॉजिस्ट की देखरेख में यह सेवा मरीज सुगमता से उपलब्ध हो रही है।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ कॉर्डियोलॉजिस्ट एवम् विभागाध्यक्ष डॉ (कर्नल) सलिल गर्ग ने इस अवसर पर कहा कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी विभाग में वर्तमान में दो अत्याधुनिक कैथ लैब संचालित हैं। कॉर्डियोलॉजी विभाग में डीएम प्रोग्राम भी वर्तमान में संचालित हैं, प्रदेश में एम्स व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में ही कॉर्डियोलॉजी विभाग डीएम प्रोग्राम की दो सीटें प्रतिवर्ष मिली हैं। वर्तमान में इलैक्ट्रोफिजियोलॉजी प्रणाली भी कॉर्डियोलॉजी विभाग में संचालित है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल राज्य का एकमात्र अस्पताल है, जिसके इलैक्ट्रोफिजियोलॉजी मशीन के द्वारा अनियमित धड़कनों वाले मरीजों का इलाज भी नियमित रूप से किए जा रहे हैं।